Tuesday, January 10, 2017

पुलिस से संबंधित महिलाओं के अधिकार

भारतीय नारी आज सशक्त, पढ़ी-लिखी और समझदार है। वह प्रगति के हर क्षेत्र में अपनी पहचान छोड़ रही है लेकिन शिक्षित होते हुए भी बहुत कम महिलाएं ही पुलिस से संबंधित अपने कानून जानती होंगी। उदाहरणत: अगर मान लें कि किसी महिला का पर्स चोरी हो जाता है तो शायद ही उसे एफ.आई.आर. आदि के बारे में पूरी जानकारी हो। यदि उसे अपने कानूनी अधिकारों की पूरी जानकारी होगी तो कोई उसका शोषण नहीं कर पाएगा।
एफ.आई.आर. (प्रथम सूचना रिपोर्ट)
यदि कोई भी पीड़ित महिला थाने में जाकर किसी भी अत्याचार अथवा हिंसा की प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराना चाहती है तो वह अपने निम्न अधिकारों का प्रयोग कर सकती है :-
  • रिपोर्ट दर्ज करवाने के समय अपने किसी मित्र या रिश्तेदार को अपने साथ ले जाएं।
  • एफ आई आर को स्वयं पढ़ें या किसी और से पढ़वाने के बाद ही उस पर हस्ताक्षर करें।
  • आपको एफ आई आर की एक प्रति मुफ्त दी जाए।
  • पुलिस द्वारा एफ आई आर दर्ज न किए जाने पर आप वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अथवा स्थानीय मजिस्ट्रेट से मदद मांगें।
गिरफ्तारी के समय
अगर कोई महिला पुलिस की नजरों में गुनाहगार है और पुलिस उसे गिरफ्तार करने आती है तो वह अपने इन अधिकारों का उपयोग कर सकती हैं :-
  • आपको आपकी गिरफ्तारी का कारण बताया जाए।
  • गिरफ्तारी के समय आपको हथकड़ी न लगाई जाए। हथकड़ी सिर्फ मजिस्ट्रेट के आदेश पर ही लगाई जा सकती है।
  • आप अपने वकील को बुलवा सकती है।
  • मुफ्त कानूनी सलाह की मांग कर सकती है, अगर आप वकील रखने में असमर्थ है।
  • गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर आपको मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना अनिवार्य है।
  • गिरफ्तारी के समय आपके किसी रिश्तेदार या मित्र को आपके साथ थाने जाने दिया जाए।
अगर पुलिस आपको गिरफ्तार करके थाने में लाती है तो आपको निम्न अधिकार प्राप्त हैं :
  • गिरफ्तारी के बाद आपको महिलाओं के कमरे में ही रखा जाए।
  • आपको मानवीयता के साथ रखा जाए, जोर-जबरदस्ती करना गैरकानूनी है।
  • आप पुलिस द्वारा मारे-पीटे जाने या दर्ुव्यवहार किए जाने पर मजिस्ट्रेट से डाक्टरी जांच की मांग करें।
  • आपकी डाक्टरी जांच केवल महिला डाक्टर ही करें।
  • महिला अपराधियों के साथ पूछताछ के दौरान कभी-कभी छेड़छाड़ के मामले भी सामने आते हैं।
अगर आप चाहती हैं कि आपके साथ ऐसा न हो तो आप इन अधिकारों का प्रयोग कर सकती हैं :-
  • पूछताछ के लिए आपको थाने में या कहीं और बुलाए जाने पर आप इंकार कर सकती है।
  • आपसे पूछताछ केवल आपके घर पर तथा आपके परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में ही की जाए।
  • आपके शरीर की तलाशी केवल दूसरी महिला द्वारा ही शालीन तरीके से ली जाए।
  • अपनी तलाशी से पहले आप महिला पुलिसकर्मी की तलाशी ले सकती है।
जमानत के अधिकार
जुर्म दो प्रकार के होते हैं,
  1. जमानती
  2. गैर जमानती।
यह आपका अधिकार है कि पुलिस आपको यह बताए कि आपका अपराध जमानती है या गैर जमानती। जमानती जुर्म मेंआपकी जमानत पुलिस थाने में ही होगी। यह आपका अधिकार है। गैर जमानती जुर्म में जमानत मजिस्ट्रेट के आदेश पर ही हो सकती है। इसके लिए आपको अदालत में जाना पड़ेगा।

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