Tuesday, January 10, 2017

अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम – Immoral Traffic Prevention Act 1956

The Immoral Traffic Prevention Act 1956 is an Act which provides in pursuance of the International Convention signed at New York on the 9th day of May, 1950, for the prevention of immoral traffic. The Act intends to combat trafficking and sexual exploitation for commercial purposes. While prostitution is not an offence, practicing it in a brothel or within 200 m of any public place is illegal.
परिभाषा – Definition
वेश्यावृत्ति का अर्थ-किसी भी व्यक्ति का अर्थिक लाभ के लिये लैंगिक शोषण करने का वेश्यावृत्ति कहते हैं।
वेश्यागृह का अर्थ
किसी मकान, कमरे, वाहन या स्थान से या उसके किसी भाग से है, जिसमें किसी अन्य व्यक्ति के लाभ के लिये किसी का लैंगिक शोषण या दुरूपयोग किया जाय या दो या दो से अधिक महिलाओं के द्वारा अपने आपसी लाभ के लिय वेश्यावृत्ति की जाती है।
अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य अपराध हैं – Immoral Traffic Prevention Act 1956
  1. कोई व्यक्ति जो वेश्यागृह को चलाता है, उसका प्रबंध करता है या उसके रखने में और प्रबंध में मदद करता है तो उसे 3 साल तक का कठोर करावास व 2000 रूपये का जुर्माना होगा। यदि वह व्यक्ति दुबारा इस अपराध का दोषी पाया जाता है तो उसको कम से कम 2 साल व अधिक से अधिक 5 साल का कठोर कारावास व 2000 रूपये जुर्माना होगा।
  2. कोई व्यक्ति जो किसी मकान या स्थान का मालिक, किरायेदार, भारसाधक, एजेंट है उसे वेश्यागृह के लिये प्रयोग करता है या उसे यह जानकारी है कि ऐसे किसी स्थान या उसके किसी भाग को वेश्यागृह के लिये प्रयोग में लाया जायेगा या वह अपनी इच्छा से ऐसे किसी स्थान या उसके किसी भाग को वेश्यागृह के रूप मे प्रयोग करने के लिएा भागीदारी देता है तो ऐसे व्यक्ति को 2 साल तक की जेल व 2000 रूपये का जुर्माना हो सकता है यदि वह दुबारा इस अपराध का दोषी पाया जाता है तो उसको 5 साल का कठोर कारावास व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
वेश्यावृत्ति के कमाई पर रहना – Stay on Earnings of Prostitution
कोई भी 18 साल की उम्र से अधिक व्यक्ति अगर किसी वेश्या की कमाई पर रह रहा है तो ऐसे व्यक्ति को 2 साल की जेल या 1000 रूपये का जुर्माना हो सकता है या दोनों।
अगर कोई व्यक्ति किसी बच्चे या नाबलिग द्वारा की गई वेश्यावृत्ति की कमाई पर रहता है तो ऐसे व्यक्ति को कम से कम 7 साल व अधिक से अधिक 10 सला की जेल हो सकती है।
कोई भी व्यक्ति जो 18 साल से अधिक उम्र का है: 
  1. वेश्या के साथ उसके संगत में रहता है या
  2. वेश्या की गतिविधियों पर अपना अधिकार, निर्देष, या प्रभाव इस प्रकार डालता है जिससे यह मालूम होता है कि वह वेश्यावृत्ति मे सहायता, प्रोत्साहन, या मजबूर करता है या
  3. जो व्यक्ति दलाल का काम करता है तो मान कर चला जायेगा जब तक इसके विपरीत सिद्ध न हो जायें कि ऐसे व्यक्ति वेश्यावृत्ति के कमाई पर रह रहे हैं।
वेश्यावृत्ति के लिये किसी व्यक्ति को लानफुसलाना या लेने की चेष्टा करना
  1. किसी व्यक्ति को उसकी सहमति, या सहमति के बिना वेश्यावृत्ति के लिये लाता है लाने की कोशिश करता है या
  2. किसी व्यक्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए फुसलाता है, ताकि वह उससे वेश्यावृत्ति करवा सके तो ऐसे व्यक्ति को कम से कम 3 साल व अधिक से अधिक 7 साल के कठोर कारावास व 2000 रूपये के जुर्माने के दंडित किया जा सकता है और यह अपराध किसी व्यक्ति की सहमति के विरूद्ध किया जाता है तो दोषी व्यक्ति को 7 साल की जेल जो अधिकतक 14 साल तक की हो सकतीर है दंडित किया जा सकता है और अगर यह अपराध किसी बच्चे के विरूद्ध किया जाता है तो दोषी को कम से कम से 7 साल की जेल और उम्र कैद भी हो सकती है।
वेश्यागृह में किसी व्यक्ति को रोकना
  1. वेश्यागृह में रोकता है
  2. किसी स्थान पर किसी व्यक्ति को किसी के साथ जो कि उसका पति या पत्नी नहीं है संभोग करने के लिये रोकना है तो ऐसे व्यक्ति को कम से कम 7 साल की जेल जो कि 10 साल या उम्र कैद तक हो सकती है और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
अगर कोई व्यक्ति किसी बच्चे के साथ वेश्यागृह में पाया जाता है तो वह दोषी तब माना जायेगा जब तक इसके विपरीत सिद्ध नहीं हो जाता।
अगर बच्चे या 18 वर्ष से कम उम्र का व्यक्ति वेश्यागृह में पाया जाता है और उसकी चिकित्सकीय जाँच के बाद यह सिद्ध होता है, कि उसका लैंगिक शोषण हुआ है तो यह माना जायेगा कि ऐसे व्यक्ति को वेश्यावृत्ति करवाने के लिये रखा गया है या उसका लैंगिक शोषण आर्थिक लाभ के लिये किया जा रहा है।
अगर कोई व्यक्ति किसी महिला या लड़की का
  1. सामान जैसे गहने, कपड़े, पैसे या अन्य सम्पति आदि अपने पास रखता है। या
  2. उसको डराता है कि वह उसके विरूद्ध कोई कानूनी कार्यवाही शुरू करेगा अगर वह अपने साथ गहने, कपड़े, पैसे या अन्य सम्पत्ति जो कि ऐसे व्यक्ति द्वारा महिला या लड़की को उधार या आपूर्ति के रूप में या फिर ऐसे व्यक्ति के निर्देष में दी गई हो ले जायेगी। तो यह माना जायेगा कि ऐसे व्यक्ति ने महिला या लड़की को वेश्यागृह में या ऐसी जगह रोका है जहाँ वह महिला या लड़की को संभोग के लिये मजबूर कर सके।
सार्वजनिक स्थानों या उसके आस-पास वेश्यावृत्ति करना
यदि कोई व्यक्ति जो वेश्यावृत्ति करता है या करवाता है ऐसे स्थानों पर-
  1. जो राज्य सरकार ने चिन्हित किये हों, या
  2. जो कि 200 मीटर के अन्दर किसी सार्वजनिक पूजा स्थल, शिक्षाण संस्थान, छात्रावास, अस्पताल, परिचर्यागृह या ऐसा कोई भी सार्वजनिक स्थान जिसको पुलिस आयुक्त या मैजिस्ट्रेट द्वारा अधिसूचित किया गया हो – तो ऐसे व्यक्ति को 3 महीने तक का कारावास हो सकता है।
कोई व्यक्ति यदि किसी बच्चे से ऐसा अपराध करवाता है तो उसको कम से कम 7 साल या अधिक से अधिक उम्र कैद या 10 साल तक की जेल हो सकती है तथा जुर्माने से भी दंडित किया जा सकता है।
अगर कोई व्यक्ति जो –
ऐसे सार्वजनिक स्थानों का प्रबंधक है वेश्याओं को व्यापार करने व वहाँ रूकने देता है।
  1. कोई किरायेदार, दखलदार, या देखभाल करने वाला व्यक्ति वेश्यावृत्ति के लिये ऐसे स्थानों के प्रयोग की अनुमति देता है।
  2. किसी स्थान का मालिक, ऐजेंट ऐसे स्थानों को वेश्यावृत्ति के लिये किराये पर देता है तो –
    1. वह तीन महीने की कारावास और 200 रूपये के जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
    2. यदि वह व्यक्ति फिर ऐसे अपराध का दोषी पाया जाता है, तो वह 6 महीने की जेल और 200 रूपये के जुर्माने से द.डित किया जा सकता है।
    3. अगर ऐसा अपराध किसी होटल में किया जाता है तो उस होटल का लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा।
वेश्यावृत्ति के लिये किसी को फुसलाना या याचना करना
अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर किसी व्यक्ति को किसी घर या मकान से इशारे, आवाज अपने आप को दिखाकर किसी खिड़की या बालकनी से वेश्यावृत्ति के लिये आर्कषित, फुसलाता या विनती करता है या छेड़छाड़ आवारागर्दी या इस प्रकार का कार्य करता है, जिससे वहाँ पर रहने वाले या आने जाने वालों को बाधा या परेशानी होती है तो उसको 6 महीने की जेल और 500 के जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
अगर वह फिर से यह अपराध करता है तो उसके 1 साल की जेल और 500 रू0 जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
अगर यह अपराध कोई पुरूष करता है तो वह कम से कम 7 दिन तथा अधिक से अधिक 3 महीने की जेल से दंडित किया जा सकता है।
अपने संरक्षण में रहने वाल व्यक्ति को फुसलाना
यदि कोई व्यक्ति अपने संरक्षण, देखभाल में रहने वाल किसी व्यक्ति को वेश्यावृत्ति के लिए फुसलाता है, उकसाता है या सहायता करता है तो वह कम से कम 7 साल की जेल जो कि उम्र की कैद या 10 साल तक की हो सकती है जेल व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
सुधार संस्था में भेजने का आदेश
सार्वजनिक स्थानों, या उनके आस-पास वेश्यावृत्ति करना या वेश्यावृत्ति के लिये किसी को फुसलाना या याचना करने के संबंध में दोषी महिला को उसकी शारीरिक या मानसिक स्थिति के आधार पर न्यायालय उसको सुधार संस्था में भी भेजने का आदेश दे सकता है। सुधार संस्था में कम से कम दो साल व अधिक से अधिक पांच साल के लिये भेजा जा सकता है।
विशेष पुलिस अधिकारी एवं सलाहकार बाड़ी
राज्य सरकार इस अधिनियम के अंतर्गत अपराधों के संबंध में विशेष पुलिस अधिकारियों को नियुक्ति करेगी। सरकार कुछ महिला सहायक पुलिस अधिकारियों की भी नियुक्ति कर सकती है।
इस अधिनियम के अंदर दिये गये सभी अपराध संज्ञेय हैं:
इस अधिनियम के अन्दर दिये गये अपराध के दोषी व्यक्ति को विशेष पुलिस अधिकारी, या उसके निर्देष से बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है।
तलाशी लेना
विशेष पुलिस अधिकारी या दुव्र्यापार पुलिस अधिकारी बिना वारंट के किसी स्थान की तलाशी तब ले सकते हैं, जब उनके साथ उस स्थान के दो या दो से अधिक सम्मानित व्यक्तियों जिसमें कम से कम एक महिला भी साथ हो।
वहाँ पर मिलने वाले व्यक्ति को मैजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जायेगा। ऐसे व्यक्ति की आयु, लैंगिक शोषण, यौन संबंधी बीमारियों की जानकारी के लिये चिकित्सी जाँच करायी जायेगी।
ऐसे स्थानों पर मिलने वाल महिलायें या लड़कियों से, महिला पुलिस अधिकारी ही पूछताछ कर सकती है।
वेश्यागृह से छुडाना
अगर मैजिस्ट्रेट को किसी पुलिस अधिकारी या राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति किसी व्यक्ति से सूचना मिलती है कि कोई व्यक्ति वेश्यावृत्ति कर रहा है या करवा रहा है तो वह पुलिस अधिकारी (जो इंस्पेक्टर के श्रेणी से उच्च का होगा) उस स्थान की तलाशी लेने और वहाँ मिलने वाले लोगों को उसके सामने पेश करने को कह सकता है।
वेश्यागृह को बन्द करना
मजिस्ट्रेटको पुलिस से या किसी अन्य व्यक्ति से सूचना मिलती है, कि कोई घर, मकान, स्थान आदि सार्वजनिक स्थान के 200 मीटर के भीतर वेश्यावृत्ति के लिये प्रयोग किया जा रहा है तो वह उस जगह के मालिक, किरायेदार, एजेंट या जो उस स्थान की देखभाल कर रहा है उसे नोटिस देगा कि वह 7 दिन के अन्दर जवाब दें कि क्यों न स्थान को अनैतिक काम के लिये प्रयोग किये जाने वाला घोषित किया जाये।
संबंधित पक्ष को सुनने के बाद यदि यह लगता है कि वहाँ पर वेश्यावृत्ति हो रही है, तो मजिस्टेªट 7 दिन के अंदर उसको खाली करने या उसके अनुमति के बिना किराये पर न देने का आदेश दे सकता है।
संरक्षण गृह में रखने के लिये आवेदन
कोई व्यक्ति जो वेश्यावृत्ति करता है या जिससे वेश्यावृत्ति कराई जाती है वह मैजिस्ट्रेट से संरक्षण गृह में रखने या न्यायालय से सुरक्षा के लिये आवेदन कर सकता है।
वेश्याओं को किसी स्थान से हटाना
मैजिस्ट्रेट को सूचना मिलने पर यदि यह लगता है कि उसके क्षेत्राधिकार में कोई वेश्या रह रही है, तो वह उसको वहाँ से हटने या फिर उस स्थान पर न आने का आदेश दे सकता है।
विशेष न्यायालयों की स्थापना
इस अधिनियम के अंतर्गत किये गये अपराधों के लिये राज्य सरकार व केन्द्र सरकार विशेष न्यायालय की स्थापना भी कर सकती है। भारतीय द.ड संहिता के अंतर्गत भी महिलाओं एवं बच्चो को बेचने व खरीदने पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रावधान बनाये गये हैं।
18 साल के कम उम्र के लड़की को गैर कानूनी संभोग के लिये फुसलाना (धारा-366-क)
यदि कोई व्यक्ति किसी 18 से कम उम्र की लड़की को फुसलाता है किसी स्थान से जाने को या कोई कार्य करने को यह जानते हुये कि उसके साथ अन्य व्यक्ति द्वारा गैर कानूनी संभोग किया जायेगा या उसके लिये मजबूर किया जायेगा तो ऐसे व्यक्ति को 10 साल तक की जेल व जुर्माने से दंडित किया जायेगा।
महिला की लज्जाशीलता भंग करने के आशय से आपराधिक बल का प्रयोग करना या हमला (धारा – 354)
जो कोई किसी स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से या यह संभाव्य जानते हुए कि एतद् द्वारा वह उसकी लज्जा भंग करेगा, उस स्त्री पर हमला करेगा या आपराधिक बल का प्रयोग करेगा वह 2 वर्ष के कारावास और जुर्माने से और दोनों से दंडित किया जा सकता है।
विदेश से लड़की का आयात करना (धारा – 366 –ख)
अगर कोई व्यक्ति किसी 21 साल से कम उम्र की लड़की को विदेश या जम्मू-कश्मीर से लाता है, यह जानते हुये कि उसके साथ गैर कानूनी संभोग किया जायेगा या उसके लिये उसे मजबूर किया जायेगा तो ऐसे व्यक्ति को 10 साल तक की जेल ओर जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
वेश्यावृत्ति आदि के लिय बच्चों को बेचना (धारा – 372)
अगर कोई व्यक्ति किसी 18 साल से कम उम्र के बच्चे को वेश्यावृत्ति या गैरकानूनी संभोग या किसी कानून के विरूद्ध ओर दुराचारी काम में लाये जाने या उपयोग किये जाने के लिये उसको बेचता है या भाड़े पर देता है, तो ऐसे व्यक्ति को 10 साल तक की जेल ओर जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
यदि कोई व्यक्ति किसी 18 साल की कम उम्र की लड़की को किसी वेश्या या किसी व्यक्ति को, जो वेश्यागृह चलाता हो या उसका प्रबंध करता हो, बेचता है, भाडे़ पर देता है तो यह माना जायेगा कि उस व्यक्ति ने लड़की की वेश्यावृत्ति के लिये बेचा है, जब तक के लिये इसके विपरित साबित न हो जाये।
वेश्यावृत्ति आदि के लिये बच्चों को खरीदना (धारा – 373)
अगर कोई व्यक्ति किसी 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वेश्यावृत्ति या गैर कानूनी संभोग, या किसी कानून के विरूद्ध और दुराचारिक काम में लाये जाने या उपयोग किये जाने के लिये उसको खरीदता है या भाडे़ पर देता है तो ऐसे व्यक्ति को 10 साल तक की जेल और जुर्माने से भी दंडित किया जा सकता है।
न्यायालों के देह व्यापार से संबंधित निर्णय:
  1. उच्चतम न्यायालय ने गौरव जैन बनाम भारत संघ में कहा है कि वेश्यावृत्ति एक अपराध है। लेकिन जो महिलाओं देह व्यापार करती है उनको दोषी कम और पीडि़त ज्यादा माना जायेगा। न्यायालय ने यह भी कहा कि ऐसी परिस्थितियों में रहने वाली महिलाओं एवं उसके बच्चों को पढ़ायी के अवसर और आर्थिक सहायता भी दी जानी चाहिये तथा उनको समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिये उनकी शादियाँ भी करवानी चाहिये जिससे बाल देह व्यापार में कमी हो सके।
  2. उच्चतम न्यायालय ने प.न. कृष्णलाल बनाम केरल राज्य में कहा कि राज्य के पास यह शक्ति है कि वह कोई भी व्यापार या व्यवसाय जो गैर कानूनी, अनैतिक या समाज के लिये हानिकारक है उस पर रोक लगा सकती है।
बलात्संग (धारा – 376)
कोई पुरूष एतस्मिसन् पश्चात् अपवादित दशा के सिवाय किसी स्त्री के साथ निम्नलिखित छह भाँति की परिस्थितियों में से किसी परिस्थिति में मैथुन करता है, वह पुरूष बलात्संग करता है यहा कहा जाता है:-
  1. उस स्त्री की इच्छा के विरूद्ध।
  2. उस स्त्री की की सम्मति कि बिना।
  3. तीसरा – उस स्त्री की सम्मति, उसे या ऐसे किसी व्यक्ति को, जिससे वह हितबद्ध है, मृत्यु या उपहित के भय में डालकर अभिप्राप्त की गई है।
  4. उस स्त्री की सम्मति से जबकि वह पुरूष यह जानता है कि वह उस स्त्री का पति नहीं है और उस स्त्री ने सम्मति इसलिए दी है कि वह ऐसा पुरूष है जिससे वह विधिपूर्वक विवाहित है या विवाहित होने का विश्वस करती है।
  5. उस स्त्री की सम्मति से, जबकि ऐसी सम्मति देने के समय वह विकृतचित या मतता के कारण या उस पुरूष द्वारा व्यक्तिगत रूप में या किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से कोई सम्मति देती है, प्रकृति और परिणामों को समझने में असमर्थ है।
  6. उस स्त्री की सम्पति से या बिना सम्मति के, जबकि वह सोलह वर्ष से कम आयु की है।
स्पष्टीकरण : बलात्संग के अपराध के लिए आवश्यक मैथुन गठित करने के लिए प्रवेशन पर्याप्त है।
अपवाद : पुरूष का अपनी पत्नी के साथ मैथुन बलात्संग नहीं है कि जबकि पत्नी पन्द्रह वर्ष से कम आयु की नहीं है।
अप्राकृतिक इंद्रीय भोग (धारा – 377)
जो कोई किसी पुरूष, स्त्री या जीव जन्तु के साथ प्रकृति की व्यवस्था के विरूद्ध स्वेच्छया इन्द्रीय भोग करेगा, वह आजीवन कारावास से या दोनों में से किसी भांति के कारावास जिसकी अवधि 10 वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
शब्दअंग विक्षेप या कार्य जो किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के लिए आशयित हैं (धारा – 509)
जो कोई किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कोई शब्द कहेगा, कोई ध्वनि या अंग विक्षेप करेगा या कोई वस्तु प्रदर्षित करेगा, इस आशय से की ऐसी स्त्री द्वारा ऐसा शब्द या ध्वनि सुनी जाये या ऐसा अंग विक्षेप या वस्तु देखी जाये अथवा ऐसी स्त्री की एकंतता का अतिक्रमण करेगा, वह सादा कारावास से जिसकी अवधि 1 वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

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